Dhirendra Singh Rathore (रायपालोत)

सिर कटे और धङ लङे रखा राठौङी शान!
“"व्रजदेशा चन्दन वना, मेरुपहाडा मोड़ ! गरुड़ खंगा लंका गढा, राजकुल राठौड़ !! बलहट बँका देवड़ा, करतब बँका गौड़ ! हाडा बँका गाढ़ में, रण बँका राठौड़ !!"”

Tuesday, June 15, 2010

जहाँ मन्नत मांगी जाती है मोटरसाईकिल से !










जहाँ मन्नत मांगी जाती है मोटरसाईकिल से !

विविधताओं से भरे हमारे देश में देवताओं,इंसानों,पशुओं,पक्षियों व पेडों की पूजा अर्चना तो आम बात है लेकिन मै यहाँ एक ऐसे स्थान की चर्चा करने जा रहा हूँ जहाँ इन्सान की मौत के बाद उसकी पूजा के साथ ही साथ उसकी बुलेट मोटर साईकिल की भी पूजा होती है, और बाकायदा लोग उस मोटर साईकिल से भी मन्नत मांगते है और हाँ इस चमत्कारी मोटर साईकिल ने आज से लगभग २१ साल पहले सिर्फ स्थानीय लोगों को ही नहीं बल्कि सम्बंधित पुलिस थाने के पुलिस वालो को भी चमत्कार दिखा आश्चर्यचकित कर दिया था और यही कारण है कि आज भी इस थाने में नई नियुक्ति पर आने वाला हर पुलिस कर्मी ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले यहाँ मत्था टेकने जरुर आता है |
जोधपुर अहमदाबाद राष्ट्रिय राजमार्ग पर जोधपुर से पाली जाते वक्त पाली से लगभग 20 km पहले रोहिट थाने का " दुर्घटना संभावित" क्षेत्र का बोर्ड लगा दिखता है और उससे कुछ दूर जाते ही सड़क के किनारे जंगल में लगभग ३० से ४० प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने दिखाई देती है और साथ ही नजर आता है भीड़ से घिरा एक चबूतरा जिस पर एक बड़ी सी फोटो लगी,और हर वक्त जलती ज्योत | और चबूतरे के पास ही नजर आती है एक फूल मालाओं से लदी बुलेट मोटर साईकिल | यह वही स्थान है और वही मोटर साईकिल जिसका में परिचय करने जा रहा हूँ |
यह "ओम बना " का स्थान है ओम बना ( ओम सिंह राठौड़ ) पाली शहर के पास ही स्थित चोटिला गांव के ठाकुर जोग सिंह जी राठौड़ के पुत्र थे जिनका इसी स्थान पर अपनी इसी बुलेट मोटर साईकिल पर जाते हुए १९८८ में एक दुर्घटना में निधन हो गया था | स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान पर हर रोज कोई न कोई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाया करता था जिस पेड के पास ओम सिंह राठौड़ की दुर्घटना घटी उसी जगह पता नहीं कैसे कई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते यह रहस्य ही बना रहता था | कई लोग यहाँ दुर्घटना के शिकार बन अपनी जान गँवा चुके थे | ओम सिंह राठोड की दुर्घटना में मृत्यु के बाद पुलिस ने अपनी कार्यवाही के तहत उनकी इस मोटर साईकिल को थाने लाकर बंद कर दिया लेकिन दुसरे दिन सुबह ही थाने से मोटर साईकिल गायब देखकर पुलिस कर्मी हैरान थे आखिर तलाश करने पर मोटर साईकिल वही दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई, पुलिस कर्मी दुबारा मोटर साईकिल थाने लाये लेकिन हर बार सुबह मोटर साईकिल थाने से रात के समय गायब हो दुर्घटना स्थल पर ही अपने आप पहुँच जाती | आखिर पुलिस कर्मियों व ओम सिंह के पिता ने ओम सिंह की मृत आत्मा की यही इच्छा समझ उस मोटर साईकिल को उसी पेड के पास छाया बना कर रख दिया | इस चमत्कार के बाद रात्रि में वाहन चालको को ओम सिंह
अक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते चालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे | वे उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुँचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देते या धीरे कर देते ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालक असामयिक मौत का शिकार बने | और उसके बाद आज तक वहाँ दुबारा कोई दूसरी दुर्घटना नहीं हुयी |
ओम सिंह राठौड़ के मरने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का नेक काम करते देखे जाने पर वाहन चालको व स्थानीय लोगों में उनके प्रति श्रधा बढ़ती गयी और इसी श्रधा का नतीजा है कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है उस राजमार्ग से गुजरने वाला हर वाहन यहाँ रुक कर ओम बना को नमन कर ही आगे बढ़ता है और दूर दूर से लोग उनके स्थान पर आकर उनमे अपनी श्रद्धा प्रकट कर उनसे व उनकी मोटर साईकिल से मन्नत मांगते है | सोचा क्यों न आपको भी इस निराले स्थान के बारे में अवगत करा दिया जाये |

यह लेख सिर्फ इस जगह की जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है इसे विश्वास या अन्धविश्वास मानना आपके स्वविवेक पर है |



Jai Shree Om Bhanna

Rathoree Raja

अब ओम बना के बारे पूरा परिचय हो ही गया है तो लगे हाथ उनकी आराधना में यह विडियो युक्त भजन भी सुनते जाईये |




काम चलाऊ पढाई करने के बाद अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम का ध्वज वाहक बना और ईश्वर(Om Bhanna) की दया से वह सब कुछ मिला.

पहली बार सुना है । पता नही यह राजस्थान कि मिट्टी कितने चमत्कारों को आपने अन्दर समेटे हुये है । नमन है इस धरती को ।





लेख सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है !


3 comments:

  1. धीरेन्द्र बना
    जो लेख नेट पर पहले ही किसी जगह प्रकाशित है उन्हें दुबारा यहाँ प्रकाशित करने का कोई फायदा नहीं और ये गूगल के नियमों के विरुद्ध भी है |
    आप अपना लिखा यहाँ लिखने की कोशिश कीजिए बेशक आप थोडा ही लिखें पर वो लिखें जो कहीं नहीं छपा हो तब ही आपका इस ब्लॉग बनाने का प्रयास सार्थक होगा |
    shekhawatrs@ymail.com

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  2. I am realy very sorry Ratan Singh ji but i am new user so i dont know about it. I will try to write on my abilities. please parden me.

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  3. Ratan Singh Shekhawat

    जो लेख नेट पर पहले ही प्रकाशित है उन्हें दुबारा यहाँ प्रकाशित नहीं करुग! गूगल के नियमों का पता नहीं है|
    अपना लिखा यहाँ लिखने की कोशिश करु ! लेख सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है !

    From Dhirendra Singh Rathore

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